क्षणिकाएं
इक दिल तो है पर गम-ए-दर्द कहा से लाऊं
लिखने का शौक तो है पर शब्द कहा से लाऊँ
कोशिश जो की गम-ए-रुसवाई को लिखने की
पर चेहरों को पढने की नज़र कहा से लाऊं
लिखने का शौक तो है पर शब्द कहा से लाऊँ
कोशिश जो की गम-ए-रुसवाई को लिखने की
पर चेहरों को पढने की नज़र कहा से लाऊं
बहुत सही!!
ReplyDeleteachhi lagi kshanika badhai
ReplyDeleteबहुत बढ़िया क्षणिका ...
ReplyDeletekya baat hai....... dil kush ho gya
ReplyDeletesundar chhanika...
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