जोश

अन्जान राह पे चलते चलते
थक गये हैं अब कदम

हो गयी है इन्तहां

दुखने लगे हैं अब जखम

करता रहा ज़ो जी हुजूरी

और गिरा
हर बार हूँ
हिम्मत तो देखो

इक बार फिर लड़ने को मै तैयार हूँ

Comments

  1. लड़ने को तैयार होना आपके जोश और उत्साह को दर्शाता है ....और जीवन का मूल मन्त्र भी यही है कि किसी भी परिस्थिति में अपने उत्साह को कम न होने दिया जाए .........!

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  2. अपने इस उत्साह और हौसले को हमेशा कायम रखिये
    बेहतरीन रचना है...

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  3. नई हिम्मत ,नए हौंसले ...ये ही तो जिंदगी है ...जो किसी के लिए नहीं रूकती

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  4. जो हिम्मत रखते हैं ,उनकी मदद खुदा करते हैं..
    kalamdaan.blogspot.com

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  5. आपका प्रयास सराहनीय है ! बधाई !
    आप कविता के बुनघत पर ध्यान दें !

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  6. यह जोश बना रहे ... भावों का अच्छा प्रस्तुतीकरण

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  7. बहुत खूब ,
    प्रभावशाली अभिव्यक्ति !
    शुभकामनायें आपको ..

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  8. बहुत ही बढ़िया।


    सादर

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  9. जोशीले भाव.. बहुत सुन्दर.. मेरे ब्लांमें आने के लिए आभार...

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  10. सुंदर प्रभाव छोडती रचना....!

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  11. waah ! kYA BAAT HAI....AAKHIR ...HIMMATE MARDA..MARDE KHUDA.

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  12. himmat n ho to duniya kitna jeene deti hai..
    sundar sakratmak sandesh deti rachna..

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  13. बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन प्रस्तुति new post...वाह रे मंहगाई...

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  14. वाह ! , क्या बात है कौशल जी....सुन्दर ....हिम्मते मर्द, मददे खुदा....

    --अन्जान का सही ...अनजान है ...
    ---जखम = ज़ख्म

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  15. हौसला कांयम रखे,मंजिल जरूर मिलेगी,...बेहतरीन पोस्ट
    फालोवर बन गया हूँ आप भी बने खुशी होगी,..

    WELCOME TO MY NEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...

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  16. Nice post, things explained in details. Thank You.

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