चुप हूँ पर


चुप हूँ पर मेरी चुप्पी को ख़ामोश न समझो
मै तो इशारों से ही तुझे राख़ बना सकता हूँ

ख़ुशनसीब है तू जो नाखुदा हमारा एक है
कश्ती तो मैं तूफाँ में भी चला सकता हूँ.

शुक्र कर ख़ुदा का जो हम साथ हैं इस राह पर
तेरे ग़ुरूर को हर राह पे झुका सकता हूँ

इंसान है इंसानियत को कुछ तो इज्ज़त दे
तेरी हैवानियत को हर लफ्ज़ से मिटा सकता हूँ


Comments

  1. अहंकार इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है..
    कविता अच्छी है..
    kalamdaan.blogspot.com

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  2. वाह.....क्‍या बात कही है ?

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  3. इंसान है इंसानियत को कुछ तो इज्ज़त दे
    तेरी हैवानियत को हर लफ्ज़ से मिटा सकता हूँ
    bahut khub kaha hai...

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  4. अच्छी रचना है.

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  5. pahli baar aap ke blog par aana hua,bahut hi behtreen rachna hai,bdhai sweekaren

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  6. bahut khoob.
    jalte hue angaare hain.

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  7. ख़ुशनसीब है तू जो माँझी हमारा एक है
    कश्ती तो मैं तूफाँ में भी चला सकता हूँ.
    achha likha hai.

    shubhkamnayen

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  8. ख़ुशनसीब है तू जो माँझी हमारा एक है
    कश्ती तो मैं तूफाँ में भी चला सकता हूँ.
    ..sach vipreet prasthiti hi mushkilon hausla deti hain...
    bahut sundar prastuti..
    Nav varsh kee hardik mangalkamnayen!

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  9. "इंसान है इंसानियत को कुछ तो इज्ज़त दे
    तेरी हैवानियत को हर लफ्ज़ से मिटा सकता हूँ"

    सुंदर अभिव्यक्ति।

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  10. नववर्ष की मंगलकामनाएं।
    http://meenakshiswami.blogspot.com/2011/12/blog-post_31.html

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  11. चुप्पी बहुत कुछ कह जाती है॥

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  12. बहुत बेहतरीन.......
    http://sandeshpoint.blogspot.com

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  13. Bhaw achche hain. She'ron ko durust krne ki jarurat hai. Radeef & Kafiya ko samajh len to aage kaam dega. Sahi Ghazal likhne ke liye yah bahut jaruri hai.

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  14. बहुत बढ़िया।


    सादर

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  15. कल 09/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  16. इंसान है इंसानियत को कुछ तो इज्ज़त दे
    तेरी हैवानियत को हर लफ्ज़ से मिटा सकता हूँ

    bahut sunder ...

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  17. बस ऐसा हौसला हो तो सब कुछ किया जा सकता है .. अच्छी प्रस्तुति

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  18. वाह ...बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना ।

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  19. बहुत खूब! बेहतरीन प्रस्तुति...

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  20. चुप हूँ पर मेरी चुप्पी को ख़ामोश न समझो
    मै तो इशारों से ही तुझे राख़ बना सकता हूँ
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति.

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  21. चुप हूँ पर मेरी चुप्पी को ख़ामोश न समझो
    मै तो इशारों से ही तुझे राख़ बना सकता हूँ
    सुंदर अभिव्यक्ति.

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  22. आपका बहुत बहुत शुक्रिया मेरा १०० वन फोललोवेरबन्ने का आपके ब्लॉग पर पहली बार ए है अच्छा लगा ............

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  23. thanks alot for joining me ..........u r my 100th follower thanks a lot aapka blog accha laga

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  24. मेरा ब्लॉग सुरक्षित है विजेट प्रयोग करने के लिए धन्यवाद |

    टिप्स हिंदी में

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  25. वाह! क्या अहंकारमय भाव की गज़ल है ...... क्या कहना चाहते हैं आखिर ? कौन कहना चाह्ता है, किससे कहना चाह्ता है? और क्यों?

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  26. बहुत ही सुन्दर कविता| धन्यवाद|

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  27. आपकी पंक्तियों में अंर्तनिहित उर्जा को महसूस कर रहा हूं बंधु, आपसे और बेहतर प्रस्‍तुति की अपेक्षा है। फालो कर रहा हूं इस ब्‍लॉग को, अब गूगल फीड रीडर से बिना अपनी उपस्थिति का आभास दिए आपको पढूंगा.

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  28. It was very useful for me. Keep sharing such ideas in the future as well. This was actually what I was looking for, and I am glad to came here! Thanks for sharing the such information with us.

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